अथर्ववेद्: इसमें ब्रह्म ज्ञान, औषधि प्रयोग, रोग निवारण, जन्त्र-तन्त्र टोना-टोटका आदि का वर्णन है। बौद्ध ग्रन्थों; सुत्त पिटक, विनय पिटक तथा अभिधम्म पिटक; को सामूहिक रूप से ‘त्रिपिटक‘ कहा गया है। त्रिपिटक की भाषा पालि है। यह विशिष्ट कार्य पर निर्भर करता है, जिसमें न्यूनतम आयु होना, ड्राइविंग लाइसेंस होना https://binapaisekepaisekaisekama67034.wikibuysell.com/1687015/the_greatest_guide_to_business_ideas_online