वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं । जय अंजनि कुमार बलवन्ता, शंकर सुवन वीर हनुमन्ता । कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ॥ भक्त का भाव ही प्रभुको प्रिय है - प्रेरक कहानी ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो, बज्र गदा हनु https://vashikaran00999.blogspothub.com/31967104/facts-about-panchmukhi-hanuman-revealed