कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa