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Shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

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चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन भक्त अपने जीवन में पैदा हुई https://shivchalisas.com

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